एक रास्ता है, जो जाता है तंगहाली से खुशहाली की और ..........

How to learn............

एक रास्ता है, जो जाता है तंगहाली से खुशहाली की और ..........
आज हर एक middle class व्यक्ति कि कहानी है ,कि वो आज जब देखता है कि उसका परिवार
आज की आधुनिक सुविधाओं के अभाव में जीवन जी रहा है | उसके मन में भी विचार आता है ,
कुछ ऐसा करने का कि वो भी इन आधुनिक सुविधाओं का उपयोग करें हम सभी चाहते है कि हम
भी अपनी life के standards बनायें........
अगर आप भी चाहतें है , लेकिन डरतें हो कुछ नया करने से उठियें और सिखना शुरू कीजियें |
अपने अन्दर से ये सोच खत्म किजियें कि मैं सब कुछ जानता हुँ ,दोस्तों जानना महत्वपूर्ण नहीं
होता ,मानना महत्वपूर्ण होता है और सवाल यह कि आखिर आप जानते भी कितना है ? 
खुद से यह सवाल पुछे फिर आगें बडें.........
अगर आपने पुछा है ,अपने आप से तो आपको पता चला होगा कि दोस्त आप जानते तो बहुत कुछ है जैसे कि.......
गुस्सा संबंधों को नष्ट कर देता है , सब जानते है लेकिन........
दो नंबर का काम करने पर फंस सकते है , सब जानते है लेकिन........
तेज गाडी चलाने से एक्सीडेंन्ट हो सकता है ,सब जानते है लेकिन........
राह चलती औरतों कों गलत निगाह से नहीं देखना चाहिए ,सब जानते है लेकिन........
इसी तरह कि हजारों बाते है,जिन्हें हम जानते हैं ,परन्तु उनके प्रति गंभीर नहीं होते उन्हें अमल में 
नहीं लाते |तो दोस्त जो जानता नहीं इसलिए पालन नहीं करता ,वह अज्ञानी है ,लेकिन जो जानते है
 फिर भी पालन नहीं करते , वे मुर्ख है | आप अपनी category खुद ही चुन सकतें हैं |
तो दोस्तों , अगर आप सिखना चाहते हो तो इस छोटी सी कहानी से ही बहुत कुछ सीख सकते हों ..........
एक बार एक व्यक्ति अपने गुरुजी के पास आया और कहने लगा -
गुरुजी मुझे आपसे कुछ नयी बातें सिखानी हे |
गुरूजी ने कहा  कुछ नयी बातों का अर्थ | उसने कहा - मेनें पूरा संसार घुमा और बहुत सारी
 knowledge ले चूका हूँ,फिर भी मुझे मुझे आपसे कुछ नयी - नयी बातें सीखनी है |
गुरुजी ने फिर से कहा - कुछ नयी बातों का अर्थ | उसने कहा - गुरुजी लगातार अध्ययन से 
मैं संसार का अधिकांश ज्ञान तो में ले चुका हुँ | फिर भी मैंने सोचा चलकर आपसे भी चर्चा
 कर लेता हुँ | कुछ नया होगा तो सीख लूंगा |
गुरुजी ने एक चाय कि केतली और दो खाली कप  मंगवायें |पहले खुद के कप में चाय डाली
 और फिर उस व्यक्ति के कप में चाय डालनी शुरू की | गुरुजी चाय डालते गये , उसका कभ
 भर गया और चाय बाहर गिरने लगी |
उसने कहा - गुरुजी कप भर गया है , चाय बाहर गिर रही है | 
गुरुजी ने कहा - जिस तरह इस भरे कप में चाय डालने से बाहर गिर रही है , 
यह कप अब और चाय नही ले सकता | ठीक इसी तरह मैं तुम्हारे भरे दिमाग में 
और ज्ञान कहाँ से डाल सकता हुँ | अगर ज्ञान चाहते हो तो पहले अपना दिमाग खाली कर आओ |
दोस्तो अगर सीखना चाहते हो ,तो पहले आपको अज्ञानी बनकर सीखना तो शुरू करना पडेगा.....
यही एक मात्र रास्ता है जो जाता है , स्मृदि की और........
मैं यह दावा तो नही कर सकता कि आप इस blog को पढते रहने से ही सफल हो जायेंगें या धनी हो जायें
गें , लेकिन आप सोचनें पर मजबूर अवश्य , हो जाएगें 
अगर सोचने लग गये तो सीखना Automatic शुरू हो जाएगा |
मुझे आशा है कि आप इस बात को गलत साबित करोगे ,कि कुछ लोग जिंदगी भर नही सीखते है |
तो फिर सौ बात कि एक बात सीखना शुरू करें और यह काम पूरी शिद्धत के साथ करें.........
                               
मैं आपके जैसा ही ,simple व्यक्ति  हुँ ।
आपका दोस्त हुँ ,कभी जीतताकभी हारता 
कभी गिरताकभी उठता हुँ,
लेकिन उम्मीदें जिंदा है ,डटा हुआ हूँ.......
    - Sagar Singh Panwar

निवेदन : - आपको ये कृति कैसी लगी आप हमें comment के माध्यम से जरूर बताएं .आपका ये feedback हमें और अच्छी-अच्छी post करने के लिए motivate करेगा. यदि  यह  लेख  आपके लिए लाभप्रद रहा हो तो कृपया इसे अपने Social sites friends  के साथ ज़रूर share करें.

Note: - अगर आपके पास भी कोई प्रेरणादायक और अच्छी speeches, stories, articles इत्यादि है, तो आप अपने नाम, पते, photo के साथ हमें भेज सकते है. पसंद आने पर हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ यहाँ PUBLISH करेंगे. आप अपनी post हमें हमारी E-mail ID- jiyojibharkeindia@gmail.com पर भेज सकते हो . अधिक जानकारी के लिए Send Your Articles ,Page पर जाए या इस Link पर क्लिक करें .

Please Select Embedded Mode To Show The Comment System.*

Previous Post Next Post